शातिर लुटेरे बढ़ा रहे थे नशे के कारोबार को आगे पुलिस ने भेजा सलाखों के पीछे आठ किलो गांजा व नकदी बरामद
लखनऊ। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के निर्देशन में अपराध और अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत उड़ीसा राज्य से लाकर लखनऊ सहित कई राज्यों में गांजा की तस्करी करने वाले गिरोह का खुलासा कर चिनहट पुलिस ने सरगना सहित दो तस्करों को गिरफ्तार किया।
पुलिस को इनके पास से आठ किलो गांजा, दो मोबाइल फोन, घटना में इस्तेमाल एक मारुति कार व 1250 रुपए की नकदी बरामद हुई है।
,,, ऐसे हुई गिरफ्तारी,
डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन, एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी व एसीपी अनूप कुमार सिंह के निर्देश पर इंस्पेक्टर चिनहट घनश्याम मणि त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान हरदासी खेड़ा गांव के पास से बाराबंकी जिले के रसूल पुर गांव निवासी रमन कुमार निगम व कंपनी बाग जनपद बाराबंकी निवासी शशिकांत वर्मा को गिरफ्तार किया है।
इंस्पेक्टर चिनहट घनश्याम मणि त्रिपाठी के मुताबिक जब मारुति कार की तलाशी ली गई तो सीट के नीचे रखा आठ किलो गांजा मिला।
यह माजरा देख पुलिस सकते में आ गई और पकड़े गए दोनों तस्करों से गहनता से पूछताछ की तो पता चला कि ये सिर्फ गांजा तस्कर ही नहीं ये तो पेशेवर हत्यारे हैं।
उन्होंने ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी शातिर किस्म के तस्कर और खूनी हैं। इससे पहले इंदिरा नगर में गांजा से लदी कार छोड़कर भाग निकले थे।
एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी का कहना है कि
इस गिरोह का सरगना रमन कुमार निगम है और इसका सक्रिय सदस्य साथी शशिकांत वर्मा है।
उन्होंने ने बताया कि पकड़ा गए रमन के खिलाफ पूर्व लूट व जानलेवा हमला सहित बाराबंकी जिले के अलग-अलग थानों में कुल दस मुकदमे दर्ज हैं। जबकि शशिकांत के खिलाफ हत्या सहित कुल 12 मुकदमे दर्ज हैं।
,,, जिस प्रांत में जाते वहीं का नंबर प्लेट लगा लेते हैं।
पुलिस के हत्थे चढ़े पेशेवर अपराधी रमन व शशिकांत ने बताया कि इनका तार सिर्फ राजधानी लखनऊ से ही नहीं है इनका तार यूपी के जनपद बरेली, शाहजहांपुर सहित कई जिलों में फैलने के साथ अलग-अलग प्रांतों तक जुड़ा हुआ है।
इंस्पेक्टर चिनहट घनश्याम मणि त्रिपाठी के मुताबिक पूछताछ में पकड़े गए दोनों तस्करों ने बताया कि इनका एक संगठित गिरोह है जो कार में गांजा लादकर यूपी के अलग-अलग जिलों में सप्लाई करने के साथ-साथ अन्य प्रांतों में भी धड़ल्ले से गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं।
यह भी बताया गया कि पकड़े गए खूंखार पेशेवर अपराधी किसी भी राज्य या प्रांत में दाखिल होने से पहले गोरखधंधे में इस्तेमाल होने वाले वाहनों का नंबर प्लेट उसी राज्य और प्रांत का लगा लेते हैं।
बताया गया कि पकड़े गए दोनों तस्करों ने पुलिस को बताया कि ये लोग उड़ीसा से गांजे की खेप लाकर लखनऊ सहित यूपी के अलग-अलग जिलों में खपाते हैं।
,,, पेशेवर खूनी लुटेरे बनने के बाद अब बन गए तस्कर,
पकड़े गए दोनों तस्करों रमन और शशिकांत के आपराधिक इतिहास पर नजर डालें तो ये बेहद ख़तरनाक अपराधी हैं।
अगर तस्कर अपने मंसूबों में पूरी तरह से कामयाब होते शायद कईयो युवा नशे के आदी हो गए होते।
लिहाजा समय से पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
पकड़े गए दोनों अपराधियों ने जब अपने आपराधिक इतिहास गिनाए तो पुलिस अफसरों के होश उड़ गए।
दोनों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि गंभीर घटनाओं को अंजाम देने के साथ-साथ गांजे की भी सप्लाई करना शुरू कर दिया।
,,, बड़ों की सरपरस्ती में काला कारोबार,
,गंदा धंधा,
स्मैक से लेकर गांजा व चरस के काले कारोबार की जड़ें राजधानी में लंबे समय से बेहद गहरी है।
करीब दो-तीन दशक से यह धंधा शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक फैलता चला गया, लेकिन पुलिस उस पर शिकंजा कसने में नाकाम रही है।
सच तो यह है कि खुद पुलिस व कुछ प्रभावशाली लोगों की सरपरस्ती में तस्कर अपना काला कारोबार यहां बढ़ाते चले गए।
उड़ीसा से कार में गांजा लेकर लखनऊ में उसे किसी बड़े तस्कर के हाथ सौंपने आए कैरियर चिनहट पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
पूछताछ में कैरियरों ने बताया कि वह कई बार लखनऊ आकर गांजा की तस्करी कर चुके हैं।
इंस्पेक्टर चिनहट घनश्याम मणि त्रिपाठी के मुताबिक गांजा की डिलीवरी लेने वालों की तलाश की जा रही है।
,इस गुड वर्क पर खुश होकर डीसीपी ने पुलिस टीम को दी शाबाशी,
इस गुड वर्क पर खुश होकर डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन ने इंस्पेक्टर चिनहट घनश्याम मणि त्रिपाठी, उपनिरीक्षक विनोद कुमार यादव, उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र कुमार, उपनिरीक्षक अजय शुक्ला, उपनिरीक्षक सुदर्शन सिंह, उपनिरीक्षक अभिषेक पाण्डेय, उपनिरीक्षक संजय कुमार वर्मा के अलावा कांस्टेबल गीतम सिंह, कांस्टेबल हितेश सिंह व कांस्टेबल आकाश यादव को शाबाशी दी।
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