केस दर्ज कराने के लिए घायल पत्नी को लेकर थाने पहुंचा
पुलिस की मनमानी की प्रवृति का एक ताजा उदाहरण सोमवार को स्थानीय थाने पर देखने को मिला। एक पीड़ित मारपीट में घायल अपनी पत्नी को एम्बुलेंस से लेकर थाने पहुंचा और गेट के सामने हाईवे की पटरी पर उसे लिटा कर पुलिस की करतूत बयान करने लगा। देखते ही देखते ही वहां भीड़ लग गई तब पुलिस ने उसे अंदर बुलाकर तहरीर लेते हुए मुकदमा दर्ज किया।
क्षेत्र के ग्राम सभा अलीशाहपुर(फजायलपुर) के ज्ञानचंद मौर्य की उनके भाई व पट्टीदार लाल साहब मौर्य के परिवार से बीते 21 अगस्त को बंटवारे के विवाद में मारपीट हो गई थी। दोनों तरफ से लोग घायल हुए थे। लालसाहब के पुत्र पिंकू उर्फ प्रशांत मौर्य का सिर फट गया था। जबकि ज्ञानचंद की पत्नी प्रतिमा मौर्य को भी अंदरुनी चोट लगी थी। दोनों पक्षों ने थाने पहुंचकर अलग-अलग तहरीर दी। आरोप है कि पुलिस एक पक्ष की तहरीर लेकर मुकदमा तो दर्ज कर लिया, जबकि दूसरे पक्ष के ज्ञानचंद को यह कहकर टरका दिया कि पहले जाओ पत्नी का इलाज कराओ तब रिपोर्ट दर्ज कराना। पीड़ित ज्ञानचन्द ने बताया कि वह पत्नी को जिला अस्पताल भर्ती कराने के बाद बीते तीन दिन से यहां का चक्कर लगा रहा है, लेकिन पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है। पीड़ित ने बताया कि सोमवार की तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल से बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया। उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी, और पुलिस को यह सब नाटक लग रहा था। इसी सच्चाई को दिखाने के लिए वह एम्बुलेंस से पत्नी को थाने लेकर आया है। पीड़ित के हंगामे पुलिस ने थाने के अंदर उसे बुलाकर उसकी तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज कर घायल महिला के मेडिकल जांच के लिए भेजने के बाद मामला शांत हुआ। इस संबंध में थानाध्यक्ष सैयद हसन मुंतजर ने बताया कि मारपीट की घटना में ज्ञानचंद मुलजिम है। क्रॉस केस का दबाव बनाने के लिए वह पत्नी को लेकर आया था। उसकी तहरीर पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।घायल महिला को एंबुलेंस से लेकर थाने पहुंचा
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